Sunday 1 April 2012

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रेनुका और पूजा की चुदाई

रेनुका और पूजा की चुदाई
प्रेषक- राज सिंह

ए सच्ची कहानी उस समय की है जब मैं कानपुर में रहता था, मैं थोड़ा बहुत तन्त्र मन्त्र के बारे में भी यकीन रखता हूं। मैं कानपुर में इन्फ़्रा कम्पनी में कार्यरत था । मैं उन्तीस
साल का एक गोरा छः फ़िट दो इंच का हष्ट पुष्ट जवान हूँ। शहर में ही एक कमरा किराए पर लेकर रहता था। मेरे बगल में एक परिवार रहता था। उसमें सिर्फ़ तीन लोग थे मि
चौधरी उनकी पत्नी रेनुका और रेनुका की एक बहन पूजा चौधरी जी भी एक कम्पनी में सेल्स एन्जीनियर थे। अक्सर कम्पनी के काम से उन्हें बाहर जाना पडता था, चुकीं बगल
में रहने के नाते हमारे सम्बन्ध बड़े अच्छे थे कभी कभी उनकी साली को मैथस भी पढ़ाने के लिए हमें उनके घर जाना पड़ता था। उनको कोई बच्चा नहीं था जबकि शादी को चार
साल हो गये थे उस समय चौधरी उन्तीस साल रेनुका तेईस साल तथा पूजा चौदह साल की थी, चौधरी जी थोड़ा सा साँवले थे किन्तु रेनुका एवं उनकी साली सफ़ेद बर्फ़ जैसे सुन्दर
थीं। एकबार काम के सिलसिले से वे बाहर जा रहे थे और मुझसे बोले कि मैं पन्द्रह दिनों के लिए कम्पनी के काम से बाहर जा रहा था वैसे तो सारा इन्तजाम कर दिया है फिर भी
आप थोड़ा देख लीजिएगा मैनें कहा आप चिंता न करें मैं देख लूँगा। अब मैं प्राय: रेनुका से हाल पूँछ्ने लगा तथा पूजा को भी पढ़ाने लगा, एक दिन बातों ही बातों में मैं रेनुका से
पूँछ बैठा अभी तक आप लोग बच्चे के बारे में क्यों नहीं सोच रहे हैं, शादी के इतने दिन हो गये अभी कोई प्रिकाशन ले रहे हैं क्या। रेनुका ने कहा ऐसा नहीं है लगता है अभी भगवान
की मर्जी नही है।
क्यों डाक्टर को नही दिखाया आपने।
दिखाया था किन्तु मेरे अन्दर कोई प्राब्लम नहीं है।
इसका मतलब चौधरी जी को कोई प्राब्लम है।
हाँ एक्चुअली छोड़िए बाद में बात करूँगी।
बताइए बताइए शर्माइए मत मैं मेडिकल साइन्स के बारे में काफी जानकारी रखता हूँ हो सकता है आपकी कोई मदद कर सकूँ लेकिन शर्त ये है कि आप बिल्कुल भी मत शर्माइये और
खुल कर बताइए।
डाक्टर के मुताबिक इनका वीर्य काफी पतला है जिससे शुक्राणु ठीक से विकसित नही हो पाते और जो मैने सेक्स के बाद जाना वो ए कि इनको उत्थान सम्बन्धी बिमारी भी है क्योंकि
ए जब भी मेरे साथ सेक्स करते हैं बस एक मिनट में ही काम खत्म।
इसका मतलब वे आपको पूरे सेक्स का आनन्द भी नही दे पाते अच्छा बताइए उनके लिंग की लम्बाई और मोटाई क्या है।
रेनुका पूरी तरह से शर्मा रही थी वो कुछ भी बताने को तैयार नही थी काफी हिचक रही थी पर मैं काफी इन्टरेस्टेड हो गया था जानना चाह रहा था कि आखिर ऐसा क्या है जो रेनुका
बेचारी झेल रही है किन्तू बता नही पा रही है, मैने सोचा चलो मै ही खुल कर बात शुरू करूँ शायद इनकी हिचक दूर हो जाए और मैं इन लोंगों को कोई उचित सलाह दे सकूँ। फिर भी
मेरे बार बार पूँछ्ने पर उन्होंने बताया-----------
एक्चुअली इनका ल--------------------ल आप समझ रहे हैं न।
शर्माइए मत चलो आपकी बातों से जो लगता है मैं ही बोलता हूँ क्या चौधरी जी का लण्ड एक इन्च का है या आपको चोद नही पाता।
नही ऐसा नही है एक्चुअली इनका ल-------ल-------ल---लण्ड चार इन्च जैसा लम्बा और आधा इन्च ही मोटा है क्योंकि एक बार ये इन्ची टेप से नाप कर बता रहे थे, और ये भी बोल रहे
थे कि दवा और एक्सरसाइज से सही हो जायेगा।
यहाँ मै पाठक गण को बताना चाहूँगा कि भारतीय लण्ड की साइज एवं आकार प्रकार और बढ़ाने के तरीके के विषय में अगले अंक में बताया जायेगा।
मैनें रेनुका से कहा हाँ इसी तरह खुल कर बताओ। फिर काफी जद्दोजहद के बाद रेनुका खुल कर बात करने लगी और अपनी पूरी कहानी पूरे ईमानदारी से बताया। रेनुका ने कहा इनका पतन
शीघ्र ही हो जाता है यूं समझिये कि लण्ड को बुर में डाला नही कि हो गया जब मैं कहती हूँ कि कुछ देर तक तो साथ दो तो बोलते हैं कि देखो तुम्हारी बुर अब एकदम ढीली पड़ गयी है
इसलिए वो मजा नहीं आता और मैं जल्दी ही ढेर हो जाता हूँ। मैं बाद में अँगुली से ही कर के सन्तुष्ट हो लेती हूँ।
रेनुका जी पहले तो मै आपको ए बता दूँ कि लण्ड के बड़े या छोटे होने से चुदाई पर कोई असर नही पड़ता बस चुदाई के तरीके मालुम होने चाहिए तथा फ़ोर प्ले का नालेज होना चाहिए।
हाँ आपके साथ जो समस्या है इसका मतलब चौधरी जी को शीघ्रपतन की बिमारी है जो दूर हो जाएगी ए बिमारी अक्सर हस्थ मैथून गलत तरीके से करने पर होती है। यदि सही तरीके
से हस्थ मैथून किया जाय तो ए बिमारी नही होती। तो क्या आपने कभी और किसी से ए बातें शेयर कीं?
हाँ मेरी बहन सब जानती है क्योंकि मुझे भी लगता है कि ये हस्थ मैथून के शिकार रह चुके हैं हुआ यूँ कि एकबार ए बोले कि आज मेरा हाथ से ही करो और आप देख ही रहे हैं कि
हमारे पास एक ही कमरा है इसी में बेड पर हम लोग और नीचे चटाई पर गद्दा लगा कर पूजा सोती है। फ़िर मैं इनकी खुशी के लिये इनका लण्ड पकड़ कर हाथ से ही करने लगी उस
समय तो लण्ड इतना टाइट हुआ कि लगा अपने पूरे जोश में है और तभी माल बाहर आ गया संजोग से जब मैं हाथ से झकझोड़ रही थी उसी समय ये तरह तरह की आवज निकलने
लगे और पूजा जग गयी और कहा क्या हुआ तभी इनका लण्ड देख लिया और चुप हो गयी परन्तु बाद में मुझसे पूँछ्ने लगी कि दीदी जब आप हैं तो जीजू ऐसा क्यों करते हैं पहले तो
मैं टालने की कोशिश करती रही किन्तु मैने सोचा कहीं इसकी ये क्यूरास्टी इसको खराब न कर दे इसलिए मैने उसे सारी बात बता दी अब हम खुल चुके थे मैं सारी बात उससे शेयर
करने लगी चूँकि पूजा भी चौदह साल की हो चुकी थी और हमसे खुल चुकी थी इसलिए वो भी खुल कर कहती दीदी एक बार हम भी लण्ड छू कर देखना चाहते हैं मैने भी सोचा चलो
इन्ही से कुछ इसको भी करवाते हैं शायद नयी लड़की पाकर इनमें भी कुछ बदलाव आ जाय और मै खुद पूजा को इनके सामने नंगा कर चोदने को कहा उसकी बुर जिसमें कि बिल्कुल
हल्का सा रोंवा उगा था और छोटे टमाटर से भी छोटी उसकी चूची थी, को देखकर एक बार तो ए पूरा टाइट हो गये और अपना लाल सुपाड़ा उसके छोटे से छेद पर टिका दिया और धक्का
दे दिया लाल सुपाड़ा अन्दर घुसते ही पूजा की हल्की सी चीख निकल पड़ी और इनका काम तमाम हो गया। फिर बहुत प्रयास किया किन्तु इनका लण्ड खड़ा नहीं हुआ।
फिर कभी प्रयास नहीं किया?
प्राय: करते रहे किन्तु उसी तरह फ़्लाप भी होते रहे।
क्या कभी आपको चौधरी जी से नफ़रत हुई या कभी भी शादी या उसके बाद किसी और से सेक्स हुआ?
नहीं नफ़रत तो कभी नही हुई क्योंकि ये सेक्स में भले ही फ़ेल रहे बाकी हर तरफ़ से मेरा बहूत सपोर्ट करते हैं बाकी हर मामले में मेरा साथ देते हैं मैं इनसे बहुत खुश हुं, रही बात
सेक्स सम्बन्ध की तो मै शादी के पहले ये आनन्द ले चुकी हूँ और शादी के बाद ऐसा मौका ही अभी तक नहीं मिला।
क्या चौधरी जी को ऐतराज नही होगा?
नहीं नहीं वो अपनी कमजोरी जानते हैं, खुल कर कहा तो नहीं कभी किन्तु इशारे में कई बार इच्छा जाहिर कर चुके हैं कि हमें एक बच्चा चाहिए चाहे जैसे जिससे लोंगों का बार बार
बच्चा कब होगा टोकना बन्द हो जाय।
शादी के पहले आपने किसके साथ सेक्स किया था?
एक्चुअली जब मैं 15 साल की थी और 10वीं में एडमीशन लेना था गाँव में उच्च शिक्षा का आभाव था इसलिये मुझे एक रिश्तेदार के यहाँ पढ़ने जाना पड़ा उनकी उम्र लगभग 40 या
42 साल की थी एकदिन मैं सो रही थी तभी कुछ अजीब सी आवाज सुन कर जग गयी और देखा कि वे अपनी पत्नी की चूची पीने में मस्त थे और उनकी पत्नी सीत्कार ले रहीं थीं,
चुँकि हम एक ही कमरे में अलग अलग बेड पर सो रहे थे। मुझे अच्छा लगने लगा और मैं दबी आँखों से आगे देखना शुरू कर दी किन्तु अँधेरा ज्यादा होने के कारण कुछ भी ठीक से
दिख नहीं रहा था, सिर्फ़ आवाज सुनाई दे रही थी वो बोल रहे थे यार तुम सेक्स में रूचि नही रखती जिसकी वजह से मैं हमेशा अधुरा ही रह जाता हूँ और बाद में हाथ से ही करना पड़ता
है, मै बहुत प्रयास की पर कुछ देख न पायी मन में इच्छा दबी रह गयी कि कभी तो देखूँ और उसके बाद कभी भी उनका सेक्स शायद नहीं हुआ। कुछ दिन बाद उनकी पत्नी को गाँव जाना
पड़ा और हमारे देख भाल के लिए मेरी मम्मी आ गयीं वो मेरी मम्मी से काफ़ी मजाक किया करते थे जो मुझे बुरा भी लगता था और मैं मम्मी को जब टोकती तो मम्मी कहती कि हमारा
रिश्ता ही मजाक का है तुम बुरा मत माना करो मैं कम उम्र की भले ही थी किन्तु बहुत समझदार थी मैं समझ रही थी कि मेरी मम्मी कभी भी पापा के व्यवहार को लेकर सन्तुष्ट नहीं रहीं हैं
चलो थोड़ी खुशी इसी तरीके से सही उन्हें मिल जाय तो बुरा ही क्या है। मै और मम्मी अलग कमरे में सोते थे एक रात अचानक कुछ आवज सुनकर मेरी आँख खुल गयी देखा कि बगल के कमरे
कि ज़ीरो लाइट जल रही थी दोनों कमरों के बीच एक खिड़की थी जो कि हल्की सी खुली थी मैंने देखा मम्मी मेरे पास नहीं थीं फ़िर मैंने खिड़की से झाँका तो वहाँ का नजारा ही गजब था मैंने देखा
मम्मी उनका लण्ड अपने हाथ से सहला रहीं थीं, उनका लण्ड देखकर मैं स्तब्ध रह गयी मेरे हिसाब से तो 7 इन्च लम्बा और 3 इन्च मोटा था उनका लण्ड और काफ़ी घने बाल लण्ड के चारों तरफ़
उसको और खतरनाक बना रहे थे, कुछ देर तक सहलाने के बाद मम्मी भी उनके लण्ड की तरीफ़ कर रहीं थीं कह रहीं थीं इतना जबरदस्त लण्ड है आपका की कोई भी औरत घबरा जाय उसी पर उन्होनें
सेक्स का ऐसा ज्ञान मम्मी को दिया की मम्मी लट्टू हो गयी और ये भी कह डाला कि काश ऐसे जानकार आदमी से रेनुका की भी चुदाई होती तो उसको भी चुदाई का असली आनन्द और जानकारी होती
उन्होनें कहा चिन्ता मत करो मैं उसको भी ए मजा दे दूँगा और मम्मी के चूचक पर हमला बोल दिया उसे हाथ से दबाने लगे और मम्मी सी आह की आवाज निकालने लगीं धीरे धीरे वे मम्मी को पूरा
नंगा कर दिए मैने देखा मम्मी की चूची लगभग 42 की थी और बुर के ऊपर काले काले खुब सारे झुरमुटे बाल बुर को ढक रहे थे, वे अपना लण्ड मम्मी के मुख में डाल कर ठेल रहे थे और मम्मी उसे
ऐसे चूस रहीं थीं जैसे कोई लेमनचूस हो काफ़ी देर तक मम्मी उनके लण्ड को चूसती रहीं और वे मम्मी की चुचीयों में उलझे रहे और अपना हाथ सरकाते हुए कभी मम्मी की चूची मसलते कभी उनके बुर के
बालों में उँगलियॉ और कभी अपनी एक अँगुली उनकी बुर के छेद में घुसा देते मैं लाइट की वजह से साफ़ साफ़ देख रही थी और मेरे भी शरीर में अजीब सी बेचैनी बढ़ रही थी। उसके बाद पोजीशन बदली गयी
अब वे मम्मी को कुत्ते की तरह झुका दिए मैं समझ गयी की अब मम्मी की चुदाई शुरू होगी, और तभी वे अपना लण्ड मम्मी के पीछे लगा दिए और एक झटका दिया आधा लण्ड सरसराता हुआ बुर के अन्दर
चला गया और मम्मी थोड़ा सिकुड़ सी गयीं फ़िर वे मम्मी की कमर पकड़ कर दुबारा जोरदार धक्का दे मारा अबकीबार मम्मी की चीख निकल गयी और वे कहने लगीं अरे धीरे से आप भूल रहे हैं कि आपका लण्ड
बहुत तगड़ा है, वे बोले चिन्ता मत करो स्वर्ग का आनन्द दूंगा और तीन चार ठाप दनादन दे मारे जड़ तक लण्ड बाहर खींचते और फ़िर पूरा एक ही झटके में घुसा देते अब लग रहा था मम्मी को भी आनन्द आने
लगा था वो बोल रही थीं आह मेरे राजा आज तो गजब का लण्ड पा गयी मेरी बुर धन्य हुई चोदो इतना चोदो की ए मजा जीवन भर याद रहे, वो भी उ उ--उ--उ की ध्वनि निकाल रहे थे और ठाप पर ठाप देते जा
रहे थे मम्मी पूरा सिकुड़ जा रही थीं और aहल्की सी चीख निकल जाती थी और अब वे पोजीशन चेंज कर लिए अबकी बार मम्मी को बेड पर लिटा कर उनका एक पैर अपने दाएं कन्धे पर रख लिया और एक पैर बाएं पैर
के बगल से सीधा कर दिया अब मम्मी की बुर अपने आप ही थोड़ा सा मुँह खोलकर लगता जैसे लण्ड का स्वागत करने को तैयार है अब मुझे भी मम्मी के घने बालों में लाल फ़ाँक साफ़ दिख रहे थे उनका लाल सुपाड़ा
मम्मी की भीगी हुई बुर की छेद मे जाने को बेचैन दिख रहा था वे उसी पोजीशन में लण्ड को बुर की छेद पर लगा कर पूरा ठेल दिए चुँकि मम्मी इतना मोटा और लम्बा लण्ड शायद पहली बार ले रही थीं इसलिए हर धक्के
पर थोड़ा सा कराह देती थीं उनके आठ नव धक्के के बाद शायद मम्मी को फ़िर मजा आने लगा और वे काफ़ी उत्तेजित स्वर में बोलने लगीं उफ़ --- जान ही निकाल दी चोदो खूब चोदो मेरी जान आज बुर का कचूमड़ बना दो
और बुर की तरलता के कारण बुर में लण्ड के बार बार आने जाने से फ़च फ़च की हल्की आवाज आने लगी थी थोड़ी देर तक ये काम चलता रहा तभी मम्मी अपनी कमर को उनकी कमर से ऐसा चिपका लीं कि लण्ड पूरा जड़ तक
बुर में धँस गया और मम्मी झड़ रही थीं थोड़ी देर बाद वे लण्ड को पूरा बाहर खींच लिए मैने देखा लण्ड पर मम्मी का तरल पदार्थ लगा था उसको जल्दी से मम्मी ने कपड़े से साफ़ कर फिर लण्ड को अपने मुख में ठूँस लिया और ऐसा
लग रहा था जैसे लण्ड बुर का रस पाकर और फूल गया हो ठीक से मम्मी की मुँह में नहीं आ रहा था फिर भी मम्मी उसके लाल सुपाड़े को चूस रही थीं और तभी वे एकाएक मम्मी के मुँह में ही चुदाई शुरू कर दिए और बहुत तेजी से
अपना लण्ड ठेल रहे थे और मम्मी उं उं उं करने लगीं लगा की उनके गले में ठोकर लग रही हो तभी वे अपना लण्ड निकाल कर मम्मी की चूची पर ढेर सारा सफेद माल गिरा दिए और बोले आज मुझे त्रिप्ती मिली है वाह गजब मजा
है तुम्हारी बुर में। और मम्मी उनके लण्ड पर लगे वीर्य को शहद की तरह चाटने लगीं और कहने लगीं आपका माल सुगन्धित तथा स्वादिष्ट भी है, जीवन का असली मजा मिला आज। अब मैने अपना हाल देखा पता नहीं कब मेरी अँगुली
मेरी छोटी सी बुर मे सफर करने लगी थी मुझे भी लगा कि मेरा शरीर झनझना रहा है और कुछ तरल चीज अन्दर से बाहर आ रही है और मन एकदम शांत हो गया किन्तु मेरी भी इच्छा चुदवाने की होने लगी और धीरे धीरे सो गयी।
आपको कभी अपनी मम्मी से इस मैटर पर नराजगी नही हुई?
नहीं मैने आपको पहले भी बताया मैं काफी समझदार थी इन बातों का मै कभी बुरा नहीं मानती क्योंकि मै जानती थी कि पापा तो मम्मी को बहुत चाहते थे किन्तु वही चाहत मम्मी के लिए आफत बन गयी थी इसलिए शायद
मम्मी भरपूर सेक्स पाने के बाद भी सन्तुष्ट नहीं थीं किन्तु आज उनके चेहरे पर खुशी और सन्तुष्टी दिख रही थी इसलिए हमने कभी इसे बुरा नहीं माना और मैं खुद इसलिए चुदवाना चाह रही थी कि ए सब देखने के बाद मेरी
आन्तरिक इच्छा तो जग ही गयी थी अगर इसे दबाती तो हिस्टीरिया की मरीज हो जाती और यदि बाहर कहीं किसी से सेक्स करवाती तो बदनाम हो जाती और ब्लैकमेल भी सकती थी इसलिए घर में ही चुदवाना उचित समझा।
और जब ये सुबिधा अपनों से ही मिल जाय तो दर दर भटकने का कोई मतलब नहीं होता।
फिर आपकी चुदाई कैसे हुई?
सुबह तो मैं स्कूल चली गयी शायद उसी समय मम्मी और उनमें तय हो गया हो क्योंकि उसी रात मम्मी मुझसे बोलने लगीं कि रेनुका आज तुम उनके साथ सो जाओ क्योंकि मेरे पेट में काफी दर्द है और रात में तुम पैर बहुत चलाती
हो मुझे लग सकता है चुँकि बेड दो ही थे मैं समझ गयी आज चुदी अब डर लगने लगा कि उतना मोटा लण्ड कैसे मेरी छोटी सी बुर में घुसेगा पर जो उन्होंने सेक्स की बातें कल रात मम्मी को बताई थीं उससे सन्तुष्टी थी कि वे मेरी
बुर भी खराब नहीं होने देंगे और मेरी भरपूर चुदाई भी हो जाएगी। उन्होंने मम्मी को जो बताया था मैं जरूरी बात बताती हूँ वे बोले थे कि कभी भी बुर छोटी या बड़ी होने से या लण्ड के साइज से सेक्स पर कोई असर नही होता, जरूरी होता
है चुदाई की अच्छी जानकारी होना तथा कभी भी शादी के पहले चुदाई करने से कोई नुकशान नही होता बस चोदने वाला कितना जानकार और धैर्यवान है इसपर निर्भर करता है। इस तरह उन्होंने बहूत सारी जानकारी दी थी सब बताने से लम्बा हो
जाएगा। ओवर आल मैं उनसे सहमत थी, मैं उनके बेड पर सोने चली गयी थी और नींद तो कोसों दूर थी सिर्फ आँख बन्द कर इन्तजार कर रही थी कि कब उनकी तरफ से आक्रमण शुरू होगा, बस थोड़ी ही देर में वे मुझे चेक करने लगे कि ये सो
गयी क्या मेरे सोने के नाटक से शायद वे जान गये कि मैं पूरी तरह सो गयी। मैं थोड़ा अपने बारे में बता दूँ उस समय मैं 15 साल की हो चुकी थी मेरी चुची छोटे अनार जैसे थे और बुर के ऊपर के बाल थोड़ा काले से थोड़े से ही उगे थे आज जैसे
पूजा के हैं सेम मेरा भी उस समय वैसा ही था और मैं काफी दुबली पतली, चिड़चिड़े स्वभाव की थी। जब उन्हें लगा कि मैं सो चुकी हूँ तब धीरे धीरे अपना हाथ मेरे ऊपर फिराना शुरू कर दिए मुझे मजा आने लगा आँखें बन्द किए मैं आनन्द ले रही
थी तभी वे मेरा कपड़ा निकालना शुरू कर दिए मैं हल्का सा शर्मा रही थी इसलिए और भी आँखें बन्द किए रही वे धीरे धीरे मेरे सारे कपड़े उतार चुके थे अब अपना मुख मेरी चुची पर लाकर उसे धीरे से चाटना शुरू कर दिया मेरे शरीर में अजीब सी चुनचुनाहट
होने लगी और फिर वे मेरे निप्पल को हल्के से चूसने लगे और हाथ से मेरी बुर का रोआं सहलाने लगे मुझे आसीम आनन्द आने लगा वो धीरे धीरे अपना मुख पूरे शरीर पर रगड़ने लगे और हाथ से सहला भी रहे थे फिर वे अपना मुँह मेरे बुर के ऊपर के रख कर
मेरे रोएं को चाटते हुए अपनी ठुड्डी बुर के छेद पर रगड़ने लगे और हाथ से चुची को धीरे धीरे मशलने लगे मुझे इतना मजा आया कि कह नही सकती उसी क्रम में वे अपना मुँह ऊपर तक लाते और चुची को भी चुभला कर पीते फिर नीचे बुर के पास भी जीभ फिराते
और अपनी दाढ़ी या ठुड्ढी से बुर का छेद भी रगड़ते मेरी बुर थोड़ी गीली होने लगी थी मजा सातवें आसमान पर था तभी एकाएक मैं हल्का सा चीख पड़ी और अपने आप ही मेरी आँख खुल गयी वे अपनी एक अँगुली मेरी बुर के छोटे से छेद मे पेल दिए थे, मैने कहा
ये क्या कर रहे हैं निकालिए मुझे ये सब नही करना है वे बोले क्यों मजा नही आ रहा है मैने कहा नहीं मैं अभी बहुत छोटी हूँ मेरा वो भी बहुत छोटा है और बच्चा हो गया तो और शादी के बाद मैं अपने पती के सामने कैसे जाऊँगी मैने सारा प्रश्न एक ही बार दे मारा
फिर वे काफी देर तक मुझे समझाए बोले कि पहले तो भ्रम निकाल दो कि शादी के बाद पति ये वो अरे तुम्हें कैसे मालुम कि जो तुम्हारा पति होगा वो ए सब नही कर रहा होगा तो ए नियम तुम पर ही क्यूँ? रही बात बच्चा पैदा होने की तो मैं कोई बाहर का आदमी
नहीं हूँ जो जैसे चाहे वैसे करूँगा इतना ध्यान है मुझे उसकी चिन्ता छोड़ो, छोटी अब तुम नही रही जब माहवारी शुरू हो गयी तब लड़कियाँ पूरा सेक्स कर सकती हैं और अगर डर रही हो कि बुर छोटी है तो मत डरो क्योंकि पहले सभी की बुर छोटी ही होती है, और देखो तो
उसी बुर से कितना मोटा और बड़ा बच्चा बाहर आता है एक्चुअली बुर रबड़ की तरह होती है जो कि फैलती और सिकुड़ती है। मैं जान रहा हूँ तुम डर रही होगी कि मोटा, बड़ा लण्ड कैसे छोटे छेद मे जाएगा तो चिन्ता मत करो मैं घूर कर उन्हें देखने लगी वे शायद समझ गये
बोले सोच रही होगी कि इन्हें कैसे मालुम कि मैं इनका लण्ड देख चुकी हूँ तो जान लो मैने कल सब देखा था तुम्हारी बेचैनी अपनी ही बुर को रगड़ना सब मैं एकदम से शर्मा गयी वे बोले शर्माओ मत खुल कर जीवन का आनन्द लो और याद रखना तुम्हारी बुर मै बर्बाद नही होने दूँगा
जिससे शादी के बाद भी कोई नही जान पाएगा कि तुम मजे ले चुकी हो पति के सामने सिर्फ थोड़ा सा बढ़िया अभिनय करना पड़ेगा बस, शुरुवात में थोड़ा सा दर्द हो सकता है किन्तु तुम्हारे सपोर्ट की जरूरत है उसके बाद देखना सेक्स से तुम्हें कितने फायदे होंगे करो फिर खुद जान जाओगी।
अब मैं पूरी तरह तैयार थी वे काफी मात्रा में बेसलीन लेकर मेरी बुर में और अपने लण्ड पर खूब सारा लगा डाला और मुझे उल्टा पेट के बल लिटा दिया मैं समझ नही पा रही थी कि ये कैसी चुदाई होगी मेरी, तभी वे एक हाथ से मेरी चूची पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिए और दूसरे हाथ से
अपना लण्ड थाम कर मेरे बुर के छोटे से छेद पर भिड़ा दिए और आहिस्ते से धक्का दे दिए, उनका लाल सुपाड़ा बेसलीन लगा होने के नाते मेरी बुर में घुस गया मुझे लगा जैसे कोई गरम गरम मुलायम चीज घुस गयी हो फिर काफी देर तक वे लाल सुपाड़े को ही आगे पीछे करते रहे मुझे मजा आने लगा था,
तभी वे एक तेज झटका दे मारे और मैं एकदम से चीख पड़ी ऐसे लगा जैसे मेरी छोटी सी बुर में कोई लोहे की राड घुसेड़ दिया हो और मेरी बुर फट सी गयी उसमें से लाल पानी भी बाहर आ रहा था मैं कराहते हुए कहने लगी बाहर निकालिए मुझसे नहीं होगा ए सब मुझे नहीं चुदवाना है,
वे बोले चिन्ता न करो आधा घुस चुका है अगर थोड़ी देर में मजा न आया तो मैं निकाल कर बाहर कर दूँगा और वे मेरी चूची दबाने लगे और लण्ड को वैसे ही रोके रखा थोड़ी देर के बाद मैं थोड़ा सामान्य हुई तब वे अपने आधे लण्ड को ही आगे पीछे करने लगे दो तीन धक्का मुझे सिकोड़
देता था उसके बाद बुर में हल्की सी चुनचुनाहट होने लगी, वे पूँछे कैसा लग रहा है मैने कह दिया थोड़ा सा अच्छा, उल्टा लेटने के कारण मैं कुछ भी देख नहीं पा रही थी सिर्फ़ महशूस कर रही थी, आठ, नौ हल्के धक्के के बाद मुझे भी पूरा मजा आने लगा और मेरे मुख से निकल गया मजा आ रहा है,
तभी वे एक झटका और दे दिए अबकी तो ऐसा लगा की जान ही मुँह के रास्ते निकल जाएगी और लगता जैसे अभी उलटी हो जाएगी मेरी बुर पूरी तरह घायल हो गयी थी और बुर से खून निकलना शुरू हो चुका था पर वे रूके नहीं तीन चार ठाप दे मारे फिर लण्ड को अन्दर ही रखकर रुक गये, मैं चिल्लाने
लगी निकालिए मुझे नहीं चुदवाना है और उन्हें अपना हाथ पीछे ले जाकर ढकेलने लगी मेरा सारा नशा छू मन्तर हो चुका था वे बोले बस तुम्हारा सारा कष्ट खत्म हुआ पूरा का पूरा लण्ड जा चुका है बस थोड़ी ही देर में जीवन का असली आनन्द ले रही होगी और उछल उछल कर चुदवाओगी, फिर मेरी चुची
दबाने लगे पीठ को चूमने लगे और चूची का निप्पल भी चुटकी से धीरे से दबा देते कुछ 5 मिनट के बाद ही फिर मेरी बुर चुनचुनाने लगी मैने उन्हें बताया और वे फिर से धक्का देना शुरू कर दिए शुरू के कुछ धक्कों से मेरी बुर में जलन सा हुआ पर बाद में मजा आने लगा जब मजा आने लगा तो मुख से
अपने आप ही सीत्कारियाँ छूटने लगीं आह----स------स----स-----र----स-----स जैसे शब्द निकलने लगे वे समझ गये और लण्ड को पूरा बाहर निकाल दिया फिर तौलिए से मेरी बुर और अपना लण्ड अच्छी तरह साफ कर कहा इसका स्वाद चखोगी मैने हाँ में सर हिलाया तो वे अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिए
पर मुँह छोटा था इसलिए आधा ही लण्ड मुँह में गया और मैं मम्मी के दूध की तरह पीने लगी उसमें से पता नहीं क्या पानी जैसा पर नमकीन स्वाद में गिर रहा था शुरू में मुझे उकलाई आ रही थी लेकिन वे बताए थे कि इसे पीने से चेहरे पर निखार आता है, मैं पीती गयी बाद में स्वाद अच्छा लगने लगा,
और शरीर में झुरझुरी सी दौड़ने लगी कुछ देर बाद वे फिर से बेसलीन मेरी बुर में लगा कर अपने लण्ड पर लगाया और अबकी बार मुझे सीधा लिटा कर मेरे दोनों पैर अपने कन्धे पर रख कर मेरी बुर पर अपना लण्ड रख कर एक ही झटके में ठेल दिया मैं सिकुड़ सी गयी काफी जलन मेरे बुर में होने लगी पर
वे दनादन चार पाँच ठाप दे मारे और मेरी बुर भी खुश होकर फच फच की आवाज में गीत गाने लगी, मुझे भी खूब मजा आने लगा और मुख से अपने आप ही ध्वनि फूटने लगी आह---क्या मजा है चुदाई में मुझे तो मालुम ही न था, गजब मेरी छोटी सी बुर इतना मोटा लण्ड निगल रही थी, वाह सही बात है
आज जीवन का असली मजा मिल रहा था, बस दस बारह ठाप के बाद लगा जैसे मेरे अन्दर से कुछ बाहर आने को बेकरार है और अनायास ही मैं उनसे चिपक गयी वे समझ गये की मैं झड़ने वाली हूँ और वे अपने लण्ड को जड़ तक मेरी बुर में चिपका दिए और मैने अपना पानी उनके लण्ड पर उड़ेल दिया, तभी
वे भी अपना लण्ड निकाल कर मेरी नाभी के पास अपना सारा सफेद माल गिरा दिए। उसके बाद दो तीन दिनों तक मेरी बुर में जलन होती रही लेकिन वो मुझे एक एक दिन में तीन बार चार बार चोदते रहे और मैं मजे लेकर चुदवाती रही, फिर बाद में जलन भी खत्म हो गयी और बचा तो सिर्फ मजा ही मजा
उसके बाद मेरा स्वास्थय भी खूब सुधर गया और मन भी शांत हो गया।
बहूत साफ साफ तुमने अपनी कहानी मुझे बताई, धन्यबाद, मैं हर प्रकार से तुम्हारी मदद करने को तैयार हूँ अब देर हो रही है, ठीक है अब मैं चलूँगा कल आता हूँ खाना भी बनाना है, मैं उठ खड़ा हुआ किन्तु मेरा लण्ड भी हूँकार भर रहा था लग रहा था कि जैसे पैन्ट फाड़ कर बाहर आ जाएगा ए रेनुका ने भी
देखा पर मैं जल्दी से घूम गया और जाते जाते रेनुका ने पीछे से कहा आप खाना मत बनाना मैनें कुछ खास बनाया है लेकर आती हूँ आपके रूम में, मैं भी ठीक है रेनुका कह कर रूम की तरफ चल दिया।

मेरी और रेनुका की चुदाई और पूजा की चुदाई अगले भाग में--------

9 comments:

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